स्वर्गाश्रम क्षेत्र की दुकानों के ध्वस्तीकरण पर कोर्ट का स्टे
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स्वर्ग आश्रम में भारत साधु समाज की 50 से अधिक दुकानों के ध्वस्तीकरण के मामले में बड़ी राहत मिली है। यहां शुक्रवार को इन सभी दुकानों को तोड़ने की कार्रवाई होनी थी इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने दुकानदारों को राहत मिली है।
हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए दुकानदार सुप्रीम कोर्ट पहुंचे। अदालत ने मामले की सुनवाई कर फिलहाल स्टे जारी किया तो दुकानदारों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। उन्होंने मां गंगा का दुग्धाभिषेक कर पूजा अर्चना की। राहत मिलते ही हर दुकानदार के चेहरे पर मुस्कान नजर आई। दरअसल प्रशासन ने दुकानदारों को शुक्रवार तक दुकानें खाली करने की मोहलत दी थी। हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए दुकानदार सुप्रीम कोर्ट चले गए। सुनवाई से पहले दुकानदारों ने हवन किया। दोपहर में सुप्रीम कोर्ट से दुकानदारों के हक में फैसला आते हुए हर्ष की लहर दौड़ गई। स्टे मिलते ही कार्रवाई के लिए तैयार प्रशासनिक अमला भी फिलहाल लोट गया। नगर पंचायत अध्यक्ष माधव अग्रवाल ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने हर पहलू पर सुनवाई की जिसके बाद दुकानदारों को राहत देते हुए स्टे मिला । मामले में राज्य सरकार से भी जवाब मांगा गया है।
दुकानदारों को 1 जनवरी से अभी तक ₹15000 प्रतिमाह किराए के हिसाब से राजकीय कोष में जमा कराने का आदेश दिया है। राज्य सरकार को भी नोटिस जारी जवाब मांगा है। स्वर्ग आश्रम व्यापार मंडल अध्यक्ष डॉ नारायण सिंह रावत ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को जायज ठहराते हुए इसे न्याय की जीत बताया। इस मौके पर गौरी शंकर ,इंद्र प्रकाश अग्रवाल ,अभिनव अग्रवाल, सुनील यादव ,प्रमोद अग्रवाल आदि मौजूद रहे।
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