उत्तराखंड में खाद्य पदार्थ बेचने वालों के लिए पहचान पत्र बनाना अनिवार्य
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ऋषिकेश। उत्तराखंड में खाद्य पदार्थ बेचने वालों के लिए पहचान पत्र बनाना अनिवार्य कर दिया है। साथ ही मीट विक्रेताओं के लिए भी हल या झटका का उल्लेख करना जरूरी कर दिया गया है। खाद सरंक्षा आयुक्त डॉ. आर राजेश कुमार की ओर से बुधवार को इस संदर्भ में आदेश किए गए।
राज्य भर में पिछले कुछ दिनों में खाने में थूकने की घटनाएं सामने आई है। इसके बाद खाद्य सरंक्षा विभाग की ओर से खाद्य पदार्थ कार्यबारियों के लिए एडवाइजरी जारी की गई है।
जिसके तहत खाद्य पदार्थ बेचने वाले सभी कार्यबारियों के लिए फोटो युक्त पहचान पत्र बनाना अनिवार्य किया गया है।
साथ ही उन्हें दुकान का लाइसेंस भी प्रदर्शित करना होगा। होटल, रेस्टोरेंट और रेडी, ठेली के जरिए खाद्य पदार्थ बेचने के दौरान धूम्रपान,थूकने बालों को टच करने और शरीर के अंगों को खजाने वालों को कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।
मानको का कड़ाई से हो पालन: डॉक्टर आर राजेश कुमार ने कहां नियमों का पालन न करने वालों के खिलाफ खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम – 2006 के तहत कड़ी कार्रवाई होगी।
होटल, रेस्टोरेंट, ढाबा, कैंटीन, फूड वेंन्डिंग एजेंसीज, फूड स्टॉल, स्ट्रीट फूड वेंडर्स को खाद्य सुरक्षा एवं स्वच्छता मानकों का अनुपालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है।
थूकने पर ₹25000 से 1 लाख तक का जुर्माना
आदेश में कहा गया है कि होटल, रेस्टोरेंट या किसी भी स्थल पर ग्राहकों को खाना परोसते समय थूकने या गंदगी फैलाने पर 25000 से लेकर 1 लाख तक का जुर्माना वसूला जा सकता है। सभी जिला खाद्य सरंक्षा अधिकारियों को सघन चेकिंग अभियान और नियमों का उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई के भी निर्देश दिए गए हैं।
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