नशे में घुली ऋषिकेश के जवानों की जवानी
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ऋषिकेश। युवा मन को जोश व उमंग की उम्र भी कहा जाता है। यही उम्र का वह पड़ाव होता है, जब भविष्य को लेकर इसी युवा मन द्वारा लक्ष्य साधा जाता है, पर दुर्भाग्यवश शहर के युवाओं की नसों में जोश कम नशा तैरता ज्यादा दिखाई दे रहा है। कहने का मतलब यह है कि शहर में स्मैक का कारोबार लगातार बढ़ता जा रहा और शहर की युवा पीढ़ी नशे की आदी होती जा रही, जबकि जिम्मेदार विभाग पूरी तरह से बेखबर नजर आ रहा हैं। कुछ असामाजिक तत्व नकली स्मैक तक बेच रहे हैं, खुलेआम पैसे भी लूट रहे हैं।
कहना कतई गलत न होगा कि शहर की युवा पीढ़ी पथ भ्रमित नजर आ रही है। धूम्रपान से लेकर शराब का सेवन तक करने में 16 साल से लेकर 25 वर्ष तक की आयु के ही युवा ज्यादा चिह्नित किए जा रहे हैं। नशे के दलदल में फंसने वालों में अच्छे अच्छे परिवारों के बच्चे भी शामिल हैं, जो पढ़ने लिखने की उम्र मेें नशे के आदी होते जा रहे हैं। नशे में धूम्रपान से लेकर शराब का सेवन तो किया ही जा रहा, इसके अलावा जो इन दिनों नशा नसों में उतारा जा रहा है, उनमें स्मैक का नाम पहले लिया जा रहा है। नगरवासियों का कहना है कि इस नशे की पुड़िया 500 से 1000 और 3500 ग्राम रुपये में अलग-अलग मात्राओं में मुहैया है। और इनकी मुख्य अवैध बिक्री चंद्रेश्वर नगर और काले की ढाल बताया जा रहा है।
यह बात और है कि पुलिस द्वारा समय-समय पर छापे मारे जाते रहे हैं, पर एक आध गिरफ्तारी तक सीमित रहा पर स्मैक के अवैध धंधे पर कोई आंच नहीं आई।
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